लखनऊ हाथरस में हुई दुखद घटना को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस के पीड़ित परिवार से वीडियो कॉलिंग के जरिए बात की। मृत युवती के पिता से बात करते हुए उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया और प्रशासन को हरसंभव मदद के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने परिवार को 25 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी के साथ ही एक घर भी देने का ऐलान किया है।
पीड़ित परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी दी जाएगी। साथ ही सूडा योजना के तहत हाथरस शहर में एक घर दिया जाएगा। वीडियो कॉलिंग में युवती के पिता ने मुख्यमंत्री से आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की थी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाथरस घटना पर उनसे वार्ता की और कहा कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए। इस बीच मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के लिए सचिव गृह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। साथ ही मामले से संबंधित मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का निर्देश दिया है। घटना के सभी आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
बता दें कि गैंगरेप पीड़िता की मौत और देर रात को हुए अंतिम संस्कार को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। राज्य की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। देर रात हुए अंतिम संस्कार को लेकर विपक्ष का कहना है कि पुलिस ने साक्ष्य को मिटाने के लिए परिजनों की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं पुलिस और प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
घटना के सम्बन्ध में एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि मंगलवार सुबह पीड़िता की मृत्यु हो गई थी। देर रात पोस्टमार्टम के बाद जब शव पहुंचा तो परिवार वालों की सहमति से और उनकी उपस्थिति में अंतिम संस्कार कराया गया था। प्रशांत कुमार ने काह कि कुछ महिलाओं द्वारा आरोप लगाए हए हैं, परंतु सत्य यही है कि उनकी उपस्थिति से और सहमति से ही अंतिम संस्कार कराया गया था। शांति व्यवस्था के लिए वहां पुलिस उपस्थित थी। एडीजी ने कहा कि पीड़िता की डेड बॉडी खराब हो रही थी, इसलिए घर के लोगों ने सहमति जातई थी कि रात को ही अंतिम संस्कार कर देना उचित होगा।
जबकि अन्तिम संस्कार के सम्बन्ध में हाथरस के जिला अधिकारी ने कहा कि रात को करीब 12ः45 बजे पीड़िता का शव लाया गया। मेरी पीड़िता के पिता और भाई से बात हुई थी और उन्होंने सहमति दी थी कि रात को ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए। करीब एक से सवा घंटे तक शव वाहन उनके घर पर खड़ा रहा और अंतिम संस्कार के दौरान परिजन वहां पर उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि करीब 3 बजे पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया।
अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एसआईटी गठित करने का ऐलान किया है। गृह सचिव की अध्यक्षता वाली इस तीन सदस्यीय टीम में डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम को सदस्य बनाया गया है। सीएम ने पूरे घटनाक्रम पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए टीम को घटना की तह तक जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समयबद्ध ढंग से जांच पूरी कर रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए हैं।